दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 धारा144
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 में न्यूसेंस या आशंकित खतरे के अर्जेट मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति के बारे में बताया गया है?
➤ न्यूसेंस या आशंकित खतरे के जरूरी मामले में, जिनमें जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट अथवा राज्य सरकार या किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट की राय द्वारा इसके निवारण या शीघ उपचार करना के लिए मजिस्ट्रेट से लिखित आदेश जारी कराया जाता है।
➤ इस धारा के अधीन आदेश एकपक्षीय रूप में पारित किया जा सकता है।
➤ इस धारा के अधीन आदेश किसी विशिष्ट व्यक्ति को, या किसी विशेष स्थान या क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को अथवा आम जनता को, निदिष्ट किया जा सकता है।
➤ इस धारा के अधीन कोई आदेश उस आदेश के दिए जाने की तारीख से दो मास से आगे प्रवृत्त न रहेगा।
➤ परन्तु यदि राज्य सरकार मानव जीवन, स्वास्थ्य या क्षेम को खतरे का निवारण करने के लिए अथवा बलवे या किसी दंगे का निवारण करने के लिए ऐसा करना आवश्यक समझती है तो वह अधिसूचना द्वारा यह निदेश दे सकती है किन्तु वह अतिरिक्त अवधि उस तारीख से छह मास से अधिक की न होगी।
➤ मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार किसी व्यथित व्यक्ति के आवेदन पर किसी ऐसे आदेश को विखंडित या परिवर्तित कर सकता है।
➽ लॉकडाउन
लॉकडाउन एक आपातकालीन प्रोटोकॉल (प्रवेश मानदंड) है, जिसे पूर्णबन्दी भी कहा जाता है, आपातकालीन स्थिति में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए, अधिक लोगों को एक साथ एकत्रित नहीं होने के लिए, सरकार द्वारा या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्रतिबंध लगाया जाता है।
प्रतिबंध के तौर कर्फ्यू का आदेश दिया जाता है।
➽ कर्फ्यू
कर्फ्यू पुलिस द्वारा घोषित एक आदेश या आज्ञा होती है जिसका उपयोग विशेष परिस्थितियों में, शांति एवं व्यवस्था स्थापित करने के लिए तथा नागरिकों की सुरक्षा के लिए किया जाता है।
"कर्फ़्यू" एक प्रकार के नियंत्रण का साधन है इसके माध्यम से समय निर्धारित किया जाता है।

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