कानून के छात्रों के लिए मूट कोर्ट
किसी सुनिश्चित किये गये विवाद को यथावत् प्रस्तुत किया जाना ही “ मूट कोर्ट ” कहलाता है। दीवानी (Civil) एवं फौजदारी (Criminal) विधि से सम्बन्धित मामलों को विधि छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करने तथा न्यायालय के समान उनमें गवाह , बहस आदि की मदद से विधि के जटिल प्रावधानों को रोचक ढंग से समझाने की प्रक्रिया “ मूट कोर्ट ” के अन्तर्गत आती है। मूट कोर्ट का उद्देश्य विधि के छात्रों को उनकी कक्षा में ही बैठकर न्यायालय की प्रक्रिया की जानकारी कराना है। अतः मूट कोर्ट का तात्पर्य है किसी निर्णीत किये जा चुके विवाद को यथावत् प्रस्तुत करके न्यायालय के समान विवाद के विचारण को सम्पन्न कराना जिससे कि विधि व्यवसाय में प्रवेश करने से पूर्व ही विधि व्यवसाय की बारीकियों से अवगत हो सकें।